आज का आर्टिकल भी बहुत अच्छे विषय के ऊपर है जिसका नाम है आपके घर के आंगन में हरबीमारी का इलाज। आपको लग रहा होगा कि कैसे? तो चलिए मैं आपको बताता हूं।आपके घर के आंगन में या कहें आसपास में ऐसे गुणकारी पेड़ पौधे होते हैं जिनके द्वारा आप लगभग सभी छोटी मोटी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं
पहला है दूब घास आप सभी लोग जानते हैं दूब घास का हमारे हिंदू धर्म में कितना महत्व है भगवान गणेश की पूजा बगैर दूब घास के नहीं होती है।
अगर कहां जाए की दूब घास जानवर तो खाते ही हैं मनुष्यों के लिए भी यह लाभकारी होती है तो गलत नहीं होगा क्योंकि इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में पाया जाता है साथ ही इसमें और भी आयुर्वेदिक गुण होते हैं।
दूब घास में फ्लेवोनाँइड पाया जाता है जो कि सर्दी खांसी और बलगम को ठीक कर सकता है अगर आप कुछ मात्रा में कोपल दूब घास का खाने में प्रतिदिन प्रयोग करते हैं।
इतिहास में इसका एक उदाहरण है कि महाराणा प्रताप ने भी विपरीत परिस्थितियों में जरूरत पड़ने पर दूब घास की रोटी खाई थी यानी दूब घास को खाया जा सकता है।
दूसरा है एलोवेरा यानी ग्वारपाठादोस्तों आप सभी लोग जानते हैं एलोवेरा का आयुर्वेद में क्या महत्व है। एलोवेरा का गूदा औषधि के समान होता है इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है।
अगर किसी को सर्दी जुकाम हो जाए तो 5 ग्राम शहद को 5 ग्राम एलोवेरा के रस के साथ लें सर्दी जुकाम खांसी ठीक हो जाएगी।
तीसरा है नीम के पत्ते
नीम के पेड़ को कौन नहीं जानता हर कहीं दिख जाएगा। नीम के पेड़ की लगभग सभी चीजों का आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है जैसे पत्तियां, फल, फूल, गुठली, छाल इत्यादि।
सबसे ज्यादा नीम का उपयोग उसके एंटीसेप्टिक गुण के कारण किया जाता है जो बहुत सी बीमारियों और परेशानियों को दूर करता है। नीम की दातुन, नीम का तेल, और कीटनाशक के तौर पर नीम हर जगह उपयोग किया जाता है।
नीम की पत्तियों को जलाकर उसका धुआँ करने से मच्छरों से बचा जा सकता है और अगर आप सर्दियों में नीम की कोमल पत्तियों को खाते हैं तो आप सर्दी जुकाम से बच सकते हैं
चौथा है तुलसी के पत्ते
तुलसी का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही आयुर्वेद में भी है। तुलसी आपको हर घर के आंगन में मिल जाएगी।
अगर आप रोज खाली पेट तुलसी की पांच पत्तियों को खाते हैं तो आप सर्दी जुकाम और बलगम से छुटकारा पा सकते हैं। मैं तो लगभग रोज अपनी चाय में भी तुलसी का प्रयोग करता हूं आप भी ऐसे ही इसका प्रयोग कर सकते हैं।
पांचवा है करी पत्ता
करी पत्ता का सबसे ज्यादा प्रयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है हर कोई जानता है कि सांभर बगैर करी पत्ते के नहीं बन सकता।
सौ ग्राम करी पत्ते में 66.3 प्रतिशत नमी, 6.1 प्रतिशत प्रोटीन, 1% वसा,16 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 6.4 प्रतिशत फाइबर और 4.2 प्रतिशत मिनरल पाया जाता है।और अगर सर्दियों की बात करें तो बलगम को निकालने के लिए यह बहुत ही कारगर है, आप एक चम्मच शहद और एक चम्मच करी पत्ते का रस मिलाकर पिएं बलगम से जरूर आपको आराम मिलेगा।
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